कोरोनावायरस के संक्रमण से जूझ रहे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनस को उनके आवास डाउनिंग स्ट्रीट के पास ही सेंट थॉमस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। जॉनसन की तबियत खराब होने की वजह से उन्हें ऑक्सीजन तक लगानी पड़ी है। हालांकि, इन हालातों में भी वह लगातार काम कर रहे हैं। ऐसे में ब्रिटेन के मंत्रियों ने उन्हें चर्चिल नहीं बनने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि पीएम अपना काम हैंडओवर करें और पर्याप्त नींद लें। बता दें कि विन्सटन चर्चिल को द्वितीय विश्व युद्ध का हीरो माना जाता है और पीएम जॉनसन उनसे खासा प्रभावित हैं। 27 मार्च को बोरिस जॉनसन की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया था। 10 दिन बाद रविवार रात उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। हॉस्पिटल में उन्हें ऑक्सीजन लगाई गई है। बताया गया है कि बीमार होने के बावजूद बहुत ज्यादा काम करके उन्होंने अपने स्वास्थ्य को खतरे में डाला है। सांसदों ने की काम हैंडओवर करने की मांग ब्रिटेन के कई सासंदों ने पीएम जॉनसन से काम हैंडओवर करने की मांग की है। एक सांसद ने कहा कि वह खुद को अपने हीरो विन्सटन चर्चिल की तरह दिखाना चाह रहे हैं। उन्हें ऐसे में आराम करना चाहिए। एक सासंद ने कहा कि जॉनसन को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किए गए चर्चिल के काम की तरह नकल नहीं करनी चाहिए। उन्हें दूसरे कैबिनेट मंत्री को कोरोनावायरस को लेकर देश की जिम्मेदारी देनी चाहिए। हालांकि, उनके डिप्टी डोमिनिक रैब रोज कोरोनावायरस क्राइसिस कमेटी की बैठक ले रहे हैं। एक सासंद ने कहा कि जॉनसन वीडियो कॉन्फ्रेंस में बहुत थके दिखते हैं। इससे देश को कोई प्रेरणा नहीं मिलेगी। जॉनसन ने चर्चिल पर कई किताबें लिखी हैं और वह उन जैसा ही बनना चाहते हैं। जॉनसन को बस बोरिस जॉनसन बने रहने की जरूरत है। वह किसी की कॉपी न करें। एक हफ्ते से फीवर से जूझ रहे हैं जॉनसन क्वारैंटाइन के दौरान जॉनसन ने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो में वह बहुत थके लग रहे थे। उन्होंने बताया कि उन्हें अभी भी हाई फीवर है। विशेषज्ञों ने बताया कि जब हाई फीवर एक हफ्ते से ज्यादा रहता है तो निमोनिया जैसी बीमारी और खतरनाक हो जाती है। दावा किया गया है कि जॉनसन कॉन्फ्रेंस के दौरान बहुत खांसी भी आ रही थी। इसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। उनकी हाउसिंग सेक्रेटरी रॉबर्ट जेनरिक ने कहा कि जॉनसन बहुत कड़ी मेहनत कर रहे थे और उन्हें उम्मीद है कि वह जल्द ही डाउनिंग स्ट्रीट में वापस आएंगे। वहीं, कोरोनावायरस से उबर कर आईं स्वास्थ्य मंत्री नडाइन डोरिस ने कहा कि प्रधानमंत्री को पर्याप्त नींद लेने और आराम करने की जरूरत है। ब्रिटेन में सोमवार तक संक्रमण के 47,806 मामले आ चुके हैं और 4,934 लोगों की मौत हो चुकी है। द्वितीय विश्वयुद्ध के हीरो और भारत के लिए विलेन रहे हैं चर्चिल विन्सटन चर्चिल द्वितीय विश्वयुद्ध, 1940-1945 के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे। वह सेना में अधिकारी भी रह चुके थे। वह एकमात्र प्रधानमंत्री थे, जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान उन्होंने ब्रिटिश सेना में अहम जिम्मेदारी संभाली थी। उन्हें विश्व युद्ध का हीरो बताया जाता है। इसके साथ ही विन्सटन की भारत के प्रति रवैया बहुत खराब था। 1943 में बंगाल का अकाल उन्हीं की देन था। उन्होंने अनाज को ब्रिटिश सेना के लिए बचा कर रखा था और भूखों को तड़पकर मरने दिया। भारत की आजादी के पहले उन्होंने ब्रिटेन की संसद में कहा था कि अंग्रेजों ने भारत छोड़ तो सत्ता दुष्ट और बदमाशों के हाथ में चली जाएगी।





कोरोनावायरस फैलने के शुरुआती दिनों में चीन से 1300 सीधी उड़ानों में करीब  4.30 लाख लोग अमेरिका पहुंचे थे। इनमें से 40 हजार लोग अमेरिका में आगे भी यात्रा करते रहे। वारि फ्लाइट, माई राडार व फ्लाइट अवेयर और अन्य एजेंसियों से मिले इनपुट में यह दावा किया गया है। ये एजेंसियां चीन और अमेरिका में कार्यरत हैं। इनके मुताबिक यात्रा प्रतिबंध के पहले ये उड़ानें अमेरिका के 17 राज्यों में पहुंची थीं। चीन ने 31 दिसंबर 2019 को अपने यहां कोरोना के होने का खुलासा किया था।


इसके बावजूद अमेरिका में जनवरी के शुरू में अधिकारी कोरोना की गंभीरता को कम आंक रहे थे। वे एयरपोर्ट पर यात्रियों की जांच में सख्ती नहीं दिखा रहे थे। यात्रियों की स्क्रीनिंग जनवरी के मध्य में शुरू की। उसमें भी सिर्फ वुहान से लॉस एंजिल्स, सैन फ्रांसिस्को और न्यूयॉर्क के एयरपोर्ट पर आए विमानों के यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई। चीन की विमानन डेटा कंपनी वारीफ्लाइट ने भी कहा कि उस दौर में भी करीब 4 हजार लोग वुहान से सीधे अमेरिका पहुंचे।


ऐसा था रूट: 3.81 लाख यात्री सीधे चीन से आए, अन्य वहां से होते हुए पहुंचे  



  • इंटरनेशनल ट्रेड एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक 3.81 लाख लोग चीन से सीधे अमेरिका आए थे। इनमें से एक चौथाई अमेरिकी थे। अन्य लोग अन्य देशों से चीन होते हुए अमेरिका पहुंचे थे। होमलैंड विभाग की प्रवक्ता सोफिया बोजा ने कहा कि अन्य देशों के आए यात्री 25% हो सकते हैं।

  • 10 मार्च को एंड्रयू वू (31) को बीजिंग से सीधी उड़ान से लॉस एंजिल्स इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे थे। एंड्रयू कहते हैं- मैं हैरान था कि एयरपोर्ट पर जांच की प्रक्रिया बेहद ढीली थी। मैंने अधिकारियों से ठीक से जांच करने का निवेदन भी किया, लेकिन उन्होंने ज्यादा गंभीरता नहीं दिखाई।

  • 23 मार्च को सबरीना फिच (23) चीन से न्यूयॉर्क पहुंचीं। सबरीना ने कहा कि एयरपोर्ट पर उनकी और करीब 40 अन्य लोगों का तापमान दो बार जांचा गया। उसके बाद उनसे एक फॉर्म में उनके स्वास्थ्य की जानकारी भराई गई। सिर्फ हमारा पासपोर्ट देखा गया। अन्य सवाल नहीं पूछा।


तैयारी: विदेशों में फंसे 22 हजार अमेरिकी स्वदेश लाए जाएंगे


अमेरिका कोरोना के कारण भारत समेत अन्य देशों में फंसे 22 हजार नागरिकों को एयरलिफ्ट करेगा। दूतावास संबंधित मामलों के प्रधान उप सहायक मंत्री इयान ब्राउनली ने मीडिया को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कई नागरिक भारत समेत एशिया में हैं। इनके लिए 70 उड़ानें तय की गई हैं। द. एशिया से एक हजार नागरिक अमेरिका लौट सके हैं। 


न्यूयॉर्क: गवर्नर की चेतावनी- सात दिनों में चरम पर पहुंच जाएगा खतरा
न्यूयॉर्क राज्य में कोरोना से एक दिन में 630 लोगों की मौत हुई है। गवर्नर एंड्र्यू क्यूमो ने चेतावनी दी है कि सात दिनों में राज्य में प्रकोप चरम पर पहुंच सकता है। राज्य में पहली बार 2-3 को सबसे ज्यादा 550 से ज्यादा मौतें हुई थीं। अब तक 1,14,775 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि 3,565 मौतें हुईं। अकेले न्यूयॉर्क सिटी में  63,306 मामले हैं।


 









 




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